Monday, 1 February 2016

दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो




दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो 
दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो 

पहन लो चोला खून से सना वीर खुद को कहला डालो 
जलते हुए शेर के शव की राख को धारण कर डालो 
ले अपना परचम हाथ ख्याति अपनी फैला डालो 

दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो 
दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो

मैले कुचैले मुह पर एक बूँद अमृत डलवा लो 
छोटे मोटे के खून से बर्तन भर तिलक बना लो 
गढ़े हुए मुर्दों पर अपनी बंदूके तान  डालो 
किसी और के मूह से अपनी बोली को कहला डालो 

दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो
दुनियावालो , ऐ इंसानियत के रखवालो

करके कर्म कुछ ऐसे खुद  महानता का ताज डालो 
हर पल बदले इस समाज की आँख में झलक बना लो 
अपने हितों को लेकर दुनिया का अहित करवा डालो 

दुनियावालो , ऐ कलयुग के तुम रखवालो 
दुनियावालो , ऐ कलयुग के तुम रखवालो

                                             - विक्रमादित्य



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